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प्रेम प्रीत

 तुम संगीत हो तो मैं राग हूं तुम नींद हो तो में ख्वाब हूं। तुम बरसता सावन तो में बादल हूं तुम चांद हो तो में उसमे उजियारा।। तुम साथ चलो तो में तुम्हारी परछाईं हूं तुम खुश हो तो में तुम्हारी मुस्कान  तुम धूप हो तो मैं तुम्हारी छांव  तुम प्यार हो तो में तुम्हारा प्रीत  तुम सुर हो तो में तुम्हारा संगीत  तुम राधिका तो में कृष्ण उसमे। तुम पार्वती तो में शिव उसमे। आधे थे हम तुमसे मिलकर हुए पूर्ण उसमे रहेंगे साथ तुम्हारे जन्मों जन्म ये वादा रहा तुमसे।।                                                      आशीष